Wednesday 21 January 2015

हिन्दी कविता- "नये साल में.."

"नये साल में.."

 

नज़ारा बदल जाएगा..
शायद नये साल में..

बिगड़ा सुधर जाएगा..
शायद नये साल में..

 

गरीबी हट जाएगी..
शायद नये साल में..

बदक़िस्मती सिमट जाएगी..
शायद नये साल में..

 

ख़ुशहाली लिपट जाएगी..
शायद नये साल में..

क़िस्मत चमक जाएगी..
शायद नये साल में..

 

रोज़गार मिल जाएगा..
शायद नये साल में..

नौकरी का फुल खिल जाएगा.
शायद नये साल में..

 

आशाएं कई हैं इस नये साल में..
उम्मीदें नयी है इस नये साल में..
जाने क्या होगा इस नये साल में..
जो होगा अच्छा ही होगा इस नये साल में..

                                                                                 -भूषण जोशी

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